EV Localisation Norms 2025: भारत सरकार 2025 से EV लोकलाइज़ेशन नॉर्म्स (EV localisation norms India 2025) को आसान करने पर विचार कर रही है, क्योंकि चीन द्वारा rare earth elements के एक्सपोर्ट पर लगाई गई पाबंदी ने EV इंडस्ट्री के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई PLI (Production Linked Incentive) योजना अब एक नई चुनौती का सामना कर रही है — चीन की rare earth मटेरियल्स पर पाबंदी। EV Cars निर्माण के लिए जरूरी इन खास सामग्रियों की कमी को देखते हुए भारत सरकार अब EV लोकलाइज़ेशन नॉर्म्स को आसान करने पर विचार कर रही है।

India will ease localisation norms
भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए उसने एक स्कीम चलाई है, जिसे PLI Scheme (Production Linked Incentive) कहते हैं। इसका एक बड़ा नियम है कि कंपनियों को गाड़ियाँ बनाने के लिए कुछ हिस्से भारत में ही बनाने होंगे (50% तक लोकलाइज़ेशन ज़रूरी है)। अब दिक्कत ये है कि EV में जो सबसे जरूरी पार्ट होता है — ट्रैक्शन मोटर — वो चीन से आने वाले rare earth materials पर निर्भर करता है। चीन ने अब इन rare earth चीज़ों को बाहर भेजने पर पाबंदी लगानी शुरू कर दी है। ऐसे में भारत सरकार EV लोकलाइज़ेशन नॉर्म्स को और आसान बनाने की तैयारी में है।
EV Localisation Norms India 2025: क्या कहते हैं नए नियम?
EV PLI स्कीम के तहत कंपनियों को भारत में ही अपने वाहनों के कुछ प्रमुख पार्ट्स बनाना अनिवार्य है — जैसे कि ट्रैक्शन मोटर, बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम आदि। वर्तमान में 50% तक लोकल कंटेंट जरूरी है, तभी कंपनी PLI का लाभ उठा सकती है।

चीन दुनिया का सबसे बड़ा rare earth elements उत्पादक देश है। यही मटेरियल्स ट्रैक्शन मोटर जैसे EV पार्ट्स में इस्तेमाल होते हैं। हाल ही में चीन ने इन सामग्रियों के निर्यात पर नियंत्रण बढ़ा दिया है, जिससे भारत समेत कई देशों को सप्लाई संकट का सामना करना पड़ रहा है।
Why India May Ease EV Localisation Norms in 2025
क्योंकि चीन, जो दुनिया का सबसे बड़ा “Rare Earth Elements” यानी दुर्लभ धातुओं का सप्लायर है,
उसने इन धातुओं के निर्यात पर सख्ती कर दी है।
अब समस्या ये है कि –
- EV में जो ट्रैक्शन मोटर लगती है (जो गाड़ी को चलाने का मुख्य हिस्सा होता है), उसमें कुछ ख़ास धातुएं लगती हैं – जैसे Neodymium, Dysprosium वगैरह।
- ये धातुएं अधिकतर चीन से आती हैं।
- लेकिन अब चीन ने इनके एक्सपोर्ट (निर्यात) पर रोक लगा दी है या कड़े नियम बना दिए हैं।
- इसका मतलब – अब कंपनियों को जरूरी सामान समय पर नहीं मिल पा रहा, जिससे गाड़ियों का प्रोडक्शन धीमा हो गया है।
PLI स्कीम में बदलाव: भारत सरकार दे सकती है EV कंपनियों को राहत
EV उत्पादन को सप्लाई शॉर्टेज से बचाने के लिए, भारत सरकार कुछ समय के लिए लोकलाइज़ेशन नॉर्म्स में ढील देने पर विचार कर रही है। इससे कंपनियाँ कुछ पार्ट्स जैसे ट्रैक्शन मोटर को इम्पोर्ट कर सकेंगी और उत्पादन चालू रख सकेंगी। यह फैसला EV इंडस्ट्री को अस्थायी राहत देने के साथ-साथ लॉन्ग टर्म में आत्मनिर्भर बनने का रास्ता साफ करेगा।

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